उल्लेखनीय है कि इस अभियान की शुरुआत ऐसे वक्त में की गई है जब ताउते तूफ़ान के चलते मुम्बई में 2363 पेड़ जड़ से उखड़कर गिर गये थे और सैंकड़ों पेड़ों की शाखाएं भी टूट गईं थीं.
ऐसे में विश्वास मोटे ने मेक अर्थ ग्रीन अगेन (MEGA) फ़ाउंडेशन और वृक्ष नर्सरी के सहयोग से एक ऐसे अभियान की शुरुआत की जिसमें सेलिब्रिटीज़ भी काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इस कड़ी में अब रणवीर शोरी और उनके बेटे हारून शोरी ने भी इस सरल मगर प्रभावी अभियान में हिस्सा लिया. दोनों के अलावा गायिका और एक आंत्रप्योनर के तौर पर अपनी पहचान रखने वाली सानिया सईद ने सीता अशोक नामक पौधे का रोपण किया. उल्लेखनीय है कि उसी जगह पर पहले वड का एक विशालकाय वृक्ष हुआ करता था जो ताउते तूफान के असर से गिर गया था. इस ख़ास मौके पर स्थानीय नगरसेविका प्रतिमा ताई खोपाड़े, बीएमसी में के वेस्ट वॉर्ड के सहायक आयुक्त श्री विश्वास मोटे, मेक अर्थ ग्रीन अगेन (MEGA) फ़ाउंडेशन की अनुषा श्रीनिवासन अय्यर, वृक्ष नर्सरी के शान लालवानी और 'अडॉप्ट के फॉलन ट्री पिट' के नोडल अफ़सर व बीएमसी के स्टाफ़ योगेंद्र कांचवाला भी उपस्थित थे.
बीएमसी में के वेस्ट वॉर्ड के असिस्टेंट कमिश्नर विश्वास मोटे ने इस मौके पर कहा, "माननीय सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी द्वारा इस अभियान का उद्घाटन किये जाने के बाद से बड़े पैमाने पर स्थानीय लोग पेड़ों का अभिभावक बनने में रूचि दिखा रहे हैं. हमारे वॉर्ड की हरियाली बढ़ानेवाले इस अभियान में नागरिकों की इस तरह की सहभागिता बेहद उत्साहजनक है."
मेक अर्थ ग्रीन अगेन (MEGA) फाउंडेशन की संस्थापक अनुषा श्रीनिवासन अय्यर कहती हैं, "पेड़ धरती के फ़ेफड़ों की तरह काम करते हैं. वे कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन में तब्दील कर धरती को सांस लेने देने में मदद करते हैं और धरती के एयर कंडिशनर की तरह काम करते हैं. ऐसे में बीएमसी के असिस्टेंट कमिश्वर विश्वास मोटे द्वारा ताउते तूफ़ान के दौरान गिरे पेड़ों की जगह पर नये पेड़ लगाने के लिए नागरिकों की हिस्सेदार बनाने की पहल सराहनीय कही जाएगी."
इस ख़ास मौके पर पहुंचे अभिनेता रणवीर शोरी ने कहा, "मैं ये देखकर काफ़ी दुखी हुआ था कि तूफ़ान में इतना पुराना और विशालकाय पेड़ उखड़ गया था. मगर मैं ख़ुश हूं कि अब बीएमसी के अधिकारी उसी जगह पर एक नया पेड़ रोपित करने जा रहे हैं."
इस मौके पर सानिया सईद ने अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा, "मुझे इस बात की ख़ुशी है कि बीएमसी मूल प्रजातियों के पौधों को फिर से रोपित करने का अभियान चला रही है और मैं इस अभियान का हिस्सा बनकर बेहद उत्साहित महसूस कर रही हूं. देसी पेड़ कम मात्रा में पानी सोखते हैं और उन्हें रोपित किये जाने से आसपास का माहौल भी ख़ुशगवार बनता है."
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